राजस्थान के राज्य उपभोक्ता आयोग में सदस्य और जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्ष और सदस्यों के 69 पदों पर नियुक्ति कर दी गई है। इन पदों पर नियुक्ति के लिए पहली बार लिखित परीक्षा आयोजित कराई गई थी। उपभोक्ता मामला विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स) ने यह भर्ती की थी। इससे पहले केवल इंटरव्यू के आधार पर ही नियुक्तियां होती थी। इस बार इन पदों पर नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा आयोजित हुई। लिखित परीक्षा में पास होने के बाद इंटरव्यू हुआ और उसके बाद मेरिट के आधार पर नियुक्तियां दी गई हैं। विभाग द्वारा जारी नियुक्ति आदेश के तहत राज्य उपभोक्ता आयोग में 3 न्यायिक सदस्यों, 4 गैर न्यायिक सदस्यों और जिला उपभोक्ता आयोग में 20 अध्यक्ष व 42 सदस्यों की नियुक्ति की गई है। पहले इंटरव्यू के आधार पर होती थी नियुक्तियां
दरअसल, पहले उपभोक्ता आयोगों में इंटरव्यू के आधार पर ही नियुक्तियां होती थी। ऐसे में इन नियुक्तियों में राजनीतिक दखल ज्यादा होता था। इंटरव्यू के आधार पर नियुक्तियां होने पर भी इन्हें राजनीतिक नियुक्तियां ही कहा जाता था। लिखित परीक्षा को लेकर केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने गाइडलाइन भी जारी की थी। अधिकतर राज्यों ने इसे फॉलो नहीं किया। साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इसे राज्यों को लागू करना पड़ा। सबसे पहले उत्तर प्रदेश राज्य ने लिखित परीक्षा का प्रावधान किया था। उपभोक्ता मामलों के जानकार मानते हैं कि लिखित परीक्षा आयोजित होने से नियुक्तियों में पारदर्शिता आएगी। योग्य और उपभोक्ता मामलों के एक्सपर्ट और कानून के जानकार नियुक्त हो सकेंगे। जजों और वकीलों ने दी थी परीक्षा
उपभोक्ता मामला विभाग ने कुल 87 पदों पर भर्ती निकाली थी। जिसके लिए करीब 1500 लोगों ने लिखित परीक्षा दी थी। विभाग ने लिखित परीक्षा के आधार पर इंटरव्यू के लिए 105 लोगों को बुलाया। जिसमें 73 लोगों को सफल घोषित करते हुए उनका चयन किया गया। आज इनमें से 69 सफल अभ्यर्थियों के नियुक्ति आदेश जारी कर दिए गए। लिखित परीक्षा में कई मौजूदा जिला न्यायाधीश (जिनका रिटायरमेंट नजदीक है) कई रिटायर्ड जिला न्यायाधीश, बड़ी संख्या में वकील और उपभोक्ता मामलों से जुड़े एक्सपर्ट ने परीक्षा दी थी। राज्य उपभोक्ता आयोग में इनकी हुई नियुक्ति जिला उपभोक्ता आयोग में अध्यक्ष के पद पर इनकी हुई नियुक्ति