दस से अधिक कर्मचारी वाले दुकानों को ही मिलेगा गुमाश्ता, छोटे दुकान वालों को लोन में होगी दिक्कत राज्य बनने के बाद पहली बार गुमाश्ता और ट्रेड लाइसेंस लेने के लिए कारोबारियों के साथ ही आम लोगों को कई तरह की परेशानी हो रही है। सबसे ज्यादा परेशान वे कारोबारी हो रहे हैं जिनके यहां एक या दो लोग ही काम करते हैं। रायपुर समेत छत्तीसगढ़ में कारोबार करने के लिए या कहीं भी दुकान खोलने पर गुमाश्ता की जगह अब श्रम पहचान संख्या की जरूरत होगी। इसे श्रम विभाग जारी करेगा। छत्तीसगढ़ दुकान और स्थापना अधिनियम-2017 लागू होने के बाद गुमाश्ता शब्द खत्म हो गया। साथ ही दुकान का पंजीयन नगर निगम की जगह अब श्रम विभाग करेगा। नए कानून के तहत 10 या उससे ज्यादा संख्या में कर्मचारी होने पर ही श्रम विभाग श्रमिक पंजीयन संख्या जारी करेगा। इस वजह से 10 से कम कर्मचारी संख्या वाले कारोबारियों के लिए असमंजस की स्थिति खड़ी हो गई है। छोटे कारोबारी, दुकानदार एक या दो लोगों की मदद से ही दुकान चलाते हैं। ऐसे में बिना श्रमिक पंजीयन संख्या के वे न तो बैंकों में करंट अकाउंट खोल पा रहे हैं और न ही बैंक वाले उन्हें लोन दे रहे हैं। नया जीएसटी नंबर भी उन्हें नहीं मिल रहा है। कारोबारियों को अब दो विभागों से अलग-अलग प्रमाण-पत्र लेना पड़ेगा। दुकान स्थापना और पंजीयन के लिए श्रम विभाग से श्रमिक पहचान संख्या लेनी होगी। दुकान में किन चीजों का कारोबार किया जाएगा, इसकी अनुमति नगर निगम जारी करेगा। इस नई व्यवस्था से छोटे कारोबारियों के लिए दिक्कत बढ़ गई है। सेंटर वाले ने आवेदन लेने से किया मना
गुढ़ियारी में किराना स्टोर शुरू करने सुनील कुमार सिंह गुमाश्ता बनवाने फाफाडीह स्थित च्वाइस सेंटर गए। सेंटर वाले ने उन्हें मना कर दिया कि गुमाश्ता जारी नहीं होगा। श्रमिक पहचान संख्या लेनी होगी। इसके लिए भी कम से कम 10 कर्मचारी होना जरूरी है। ट्रेड लाइसेंस नहीं बना पा रहे
रामसागरपारा में फैंसी स्टोर्स संचालक प्रकाश साहू ट्रेड लाइसेंस नवीनीकरण कराने च्वाइस सेंटर पहुंचे। सेंटर संचालक ने नवीनीकरण के संबंध में निगम से कोई स्पष्ट आदेश नहीं आने के कारण आवेदन लेने से इंकार कर दिया। बताया कि उनका गुमाश्ता निरस्त हो गया। श्रमिक पहचान संख्या लाइफ टाइम के लिए वैलिड रहेगा
राज्य सरकार की ओर से फरवरी 2025 को अधिसूचना जारी कर श्रमिक पहचान संख्या जारी करने का अधिकार श्रम विभाग को दे दिया गया है। अफसरों का कहना है कि श्रमिक पहचान संख्या कारोबार के पूरे जीवनकाल में एक ही बार लेना है। गुमाश्ता और ट्रेड लाइसेंस को समय-समय पर नवीनीकरण कराना पड़ता है। च्वाइस सेंटर वाले लौटा रहे आवेदन करने वालों को
नई अधिसूचना को लेकर कई नियम स्पष्ट नहीं है। यही वजह है कि नया कानून लागू होने के बाद कारोबारियों और प्रमाण-पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वालों को च्वाइस सेंटर वाले लौटा रहे हैं। उनका कहना है कि इसे लेकर कोई भी स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है। पहचान संख्या के लिए कौन-कौन से दस्तावेज की जरूरत है ये भी नहीं पता।
रोजाना 15 से 20 आवेदन निगम के राजस्व का नुकसान
नए कानून तथा पंजीयन प्रक्रिया से अलग करने के कारण निगम को राजस्व का नुकसान होगा। नगर निगम गुमाश्ता के आवेदन के साथ कारोबारियों से दुकान का पुराना टैक्स जमा करवाता था। निगम के सभी जोन में मिलाकर रोजाना औसतन 15 से 20 आवेदन आते थे। अब निगम को ट्रेड लाइसेंस जारी करने का ही अधिकार रहेगा। जो दिक्कतें आ रही हैं उन्हें जल्द दूर कर देंगे ^ पुराना एक्ट खत्म होने के बाद नया अधिनियम लागू किया गया है। अब श्रम विभाग श्रमिक पहचान संख्या जारी करेगा। 10 या उससे अधिक कर्मचारी संख्या वालों को पंजीयन कराना है। कम कर्मचारी वाली दुकानें व स्थापना पर यह लागू नहीं होगा। क्या दिक्कतें आ रही हैं, इसकी जानकारी मंगवाता हूं। हिमशिखर गुप्ता, श्रमायुक्त छत्तीसगढ़ शासन