नूंह में बजेगा मॉक ड्रिल का सायरन:"ऑपरेशन अभ्यास" के नाम से होगी मॉक ड्रिल,ब्लैक आउट रिहर्सल भी होगी
पाकिस्तान पर भारत की एयर स्ट्राइक के बाद नूंह में मॉक ड्रिल की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिसका नाम "ऑपरेशन अभ्यास" रखा गया है। जिले के अलग-अलग स्थानों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा इसके अलावा ब्लैकआउट की भी रिहर्सल की जाएगी। नूंह जिला उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि मुख्य सचिव हरियाणा सरकार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है कि नूंह में भी मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिक सुरक्षा तंत्र की तत्परता को परखना और विभिन्न आपातकालीन परिस्थितियों के दौरान प्रतिक्रिया समय (रिस्पांस टाइम) और कार्यप्रणाली का परीक्षण करना है। यह अभ्यास उन परिस्थितियों में टीमवर्क, समन्वय और सुरक्षा प्रक्रियाओं की दक्षता का मूल्यांकन करेगा, जिनमें तत्काल निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। डीसी विश्राम कुमार मीणा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आपातकालीन स्थिति में जरूरी है कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दे। किसी को पैनिक होने की जरूरत नहीं है। यह केवल मॉक ड्रिल है ,जिससे लोगों को आपातकालीन स्थिति के बारे में बताना है। पुन्हाना,फिरोजपुर झिरका और तावडू में भी होगी मॉक ड्रिल डीसी विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए शाम 4 बजे पुन्हाना , फिरोजपुर झिरका और तावडू में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न सरकारी और निजी एजेंसियों के कर्मचारी भाग लेंगे। यह मॉक ड्रिल मुख्य रूप से सिविल डिफेंस, आपातकालीन प्रबंधन और प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन पर आधारित होगी। नूंह में ये मॉक ड्रिल एयर रेड, ब्लैकआउट, आगजनी, सिविल डिफेन्स, सर्च व रेस्क्यू, ऑपरेशन से संबंधित होगी। डीसी विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि मॉक ड्रिल की तैयारियों को लेकर पहले सभी एसडीएम की वर्चुअल मीटिंग बुलाई गई थी। जिसपर विस्तृत चर्चा की गई। सायरन बजते ही करें लाइटें बंद डीसी विश्राम कुमार मीणा ने लोगों से अपील की कि जैसे ही मॉक ड्रिल का सायरन बजे वैसे ही सभी नागरिक अपने घर का कार्य स्थल आदि की सभी लाइटें बंद कर दें और सभी कमरों के दरवाजे और पर्दे बंद कर दें और ऐसे कमरे में चले जाएं जिसमें खिड़की आदि ना हो उन्होंने कहा कि इस प्रकार की मॉक ड्रिल के दौरान सभी नागरिकों से अपील है कि वह मॉक दिल के प्रोटोकॉल का पालन करें। इस दौरान बिना फोन के संचार सेवाएं जारी रखने, आपातकालीन सेवा जैसे अस्पताल के लिए पावर सप्लाई बैकअप, ग्रामीण स्तर तक हूटर या (सायरन) के जरिए आपातकाल जैसी स्थिति की जानकारी का अलर्ट पहुंचाने संबंधित तैयारियों को परखा जाएगा। इस दौरान जिला मुख्यालय, उपमंडल व पुलिस स्तर तक कंट्रोल रूम की वर्किंग जांची जाएगी। मॉक ड्रिल में अग्नि, भूकंप, बाढ़ और आतंकवादी हमले जैसी विभिन्न आपातकालीन परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयारियां परखी जाएंगी। विशेष रूप से, यह ड्रिल सुरक्षा बलों, चिकित्सा टीमों, नागरिक प्रशासन और स्थानीय नागरिकों के बीच समन्वय को मजबूत करने के लिए आयोजित की जा रही है।
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