मंदसौर में दोस्त की अर्थी के आगे नाचा शख्स:4 साल पहले कैंसर पीड़ित ने खत में लिखी थी अंतिम इच्छा, गांव वाले मना करते रहे
मंदसौर जिले के जवासिया गांव में 30 जुलाई को 71 वर्षीय सोहनलाल जैन की अंतिम यात्रा निकाली गई, जिनका एक दिन पहले कैंसर से निधन हो गया था। उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार सुबह गांव की गलियों में बैंड-बाजे के साथ उनके मित्र अंबालाल प्रजापत ने अर्थी के आगे नाचकर उन्हें विदा किया। सोहनलाल जैन ने 9 जनवरी 2021 को अपने दोस्त अंबालाल प्रजापत को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था, "जब मैं इस दुनिया में न रहूं, तब मेरी अंतिम यात्रा में शामिल होकर मेरी अर्थी के आगे नाचते हुए मुझे विदा करना। रोना-धोना मत करना, सब कुछ खुशी-खुशी होना चाहिए।" यह खत उनके कैंसर के पता चलने के कुछ दिन बाद लिखा गया था। गांववालों ने रोका, फिर भी निभाई दोस्ती
अंतिम यात्रा के दौरान जब अंबालाल प्रजापत ने नाचना शुरू किया, तो गांव के लोगों ने उन्हें ऐसा न करने को कहा। लेकिन प्रजापत नहीं माने और बोले, "यह मेरे दोस्त की अंतिम इच्छा थी।" उन्होंने नाचते वक्त कोई आंसू नहीं बहाया। उनका कहना था, "मन में पीड़ा तो है, लेकिन मैं उसे शब्दों में नहीं बता सकता।" चाय से शुरू हुई दोस्ती
अंबालाल ने बताया कि सोहनलाल जैन करीब 20 साल पहले सिहोर गांव से जवासिया आए थे और यहां दुकान खोली थी। उस समय से वे रोज उन्हें घर की चाय पिलाते थे। इसी से दोस्ती की शुरुआत हुई। आगे यह रिश्ता इतना गहरा हो गया कि वे दिन में 2-3 बार मिलते थे और रोज बातें करते थे। पिछले 10 साल से दोनों रोज सुबह 5 बजे गांव में प्रभात फेरी भी निकालते थे। सोहनलाल ने क्षमा भी मांगी थी
अपने पत्र में जैन ने लिखा था, “मुझसे जाने-अनजाने में गलती हुई हो तो क्षमा करना।” इस पत्र में उन्होंने अपने मित्र को आखिरी बार 'राम-राम' भी कहा था। यह घटना दोस्ती की एक मिसाल बनकर सामने आई है, जहां एक मित्र ने अपने दिवंगत दोस्त की इच्छा को पूरी श्रद्धा से निभाया।
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