बिहार पुलिस के चालक हवलदार मिथिलेश कुमार की ड्यूटी के दौरान सड़क हादसे में मौत हो गई। मिथिलेश पूर्णिया जिला बल में तैनात थे। उनका पार्थिव शरीर रविवार की सुबह उनके पैतृक गांव बिहटा प्रखंड के पथलौटिया गांव लाया गया। अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग जमा हुए। पार्थिव शरीर को मनेर के हल्दी छपरा संगम घाट पर ले जाया गया। हजारों लोगों की उपस्थिति में उनके पिता बृजनंदन राय ने अंतिम संस्कार किया। 2017 में हुई थी नियुक्ति मिथिलेश तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके दो बड़े भाई गांव में रहकर खेती करते हैं। मिथिलेश की शादी 2020 में हुई थी। उनकी पत्नी मधु कुमारी 4 माह की गर्भवती हैं और उनकी 4 साल की बेटी अंशी कुमारी है। मिथिलेश 2017 में बिहार पुलिस में चालक हवलदार के पद पर भर्ती हुए थे। उनके निधन से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। मुआवजे की मांग कर रहे हैं परिजन मृतक के बड़े भाई अनिल कुमार ने कहा कि मेरे भाई की छोटी सी बेटी है, पत्नी गर्भवती है। उसे मुआवजा के साथ सरकारी नौकरी दी जाए। इधर मृतक के चचेरे ससुर नागेंद्र प्रसाद ने भी भतीजी के लिए मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग की है। कैसे हुआ हादसा दरअसल, 30 अप्रैल को छुट्टी खत्म कर चालक हवलदार मिथिलेश कुमार पूर्णिया पुलिस लाइन में योगदान दिए थे। 16 मई को पूर्णिया पुलिस लाइन से विभागीय दस्तावेज लाने के लिए पटना के लिए कमान कटा था। 17 अप्रैल की रात में मिथिलेश कुमार और अन्य पुलिस कर्मियों के साथ पटना मुख्यालय से विभागीय सामान को लेकर सड़क मार्ग के जरिए पूर्णिया के लिए रवाना हुए, लेकिन सुपौल और अररिया जिला के बॉर्डर के पास मिथिलेश कुमार कुछ देर के लिए गाड़ी को रोककर जैसे ही बाहर निकले थे कि तभी पीछे से आ रही तेज रफ्तार ट्रक में उनके सरकारी वाहन को टक्कर मार दिया। मिथिलेश कुमार को झटका लगा और वह सड़क किनारे सर के बाल गिर गए। घटना के बाद से ट्रक चालक ट्रक को लेकर फरार हो गया। इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद पूर्णिया SP कार्तिकेय शर्मा दल-बल के साथ अस्पताल पहुंचे और घायल जवान की स्थिति को लेकर संबंधित अधिकारियों से बातचीत भी किया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इधर, मौत के बाद SP ने पूर्णिया पुलिस लाइन में गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए ससम्मान उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव पथलौटिया लाया गया।