पर्यावरण, जल परिवर्तन एवं वन विभाग के मंत्री डॉ. सुनील कुमार अचानक निरीक्षण करने रविवार को बिहारशरीफ मॉडल अस्पताल पहुंचे। बिना किसी पूर्व सूचना के पहुंचे मंत्री ने अस्पताल व्यवस्था की कमियों को उजागर करते हुए डॉक्टर और अधिकारियों को फटकार लगाई। निरीक्षण के दौरान मंत्री ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लगातार मुझे शिकायतें मिल रही थी कि यहां के डॉक्टर नियमित रूप से उपलब्ध नहीं रहते। अपने निर्धारित ड्यूटी समय में भी गैरमौजूद रहते हैं और मरीजों को अपने निजी क्लिनिक में भेजने का प्रयास करते हैं। डॉ. कुमार ने दावा किया कि उनके पास इसके प्रमाण स्वरूप कई वीडियो मौजूद हैं। "मेरे पास ऐसे वीडियो हैं जिनमें रात के समय इलाज के लिए आए मरीजों से डॉक्टरों ने कमरे से बाहर निकले बिना ही अपनी बीमारी बताने को कहा। गार्ड के माध्यम से दवा लिखकर भेजना क्या डॉक्टर का काम है? इन सभी घटनाओं की तारीख और समय का रिकॉर्ड मेरे पास मौजूद है। ड्यूटी पूरी करने में असमर्थ होने पर दें इस्तीफा स्वयं एक डॉक्टर होने के नाते, डॉ. कुमार ने अस्पताल के डॉक्टरों से सीधे संवाद करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट किया कि मैं डॉक्टरों को समझाना चाहता हूं कि अगर वे अपनी ड्यूटी पूरी करने में असमर्थ हैं तो इस्तीफा दे दें, अन्यथा पूरी प्रतिबद्धता से मरीजों की सेवा करें। निरीक्षण के बाद, मंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वे हर सप्ताह अस्पताल का निरीक्षण करें ताकि सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने अपने साथ आए चिकित्सा विशेषज्ञों से भी अस्पताल के डॉक्टरों के साथ बैठक आयोजित करने का आग्रह किया। मौके पर मॉडल अस्पताल के डीएस, एकाउंटेंट, मैनेजर और अस्पताल के डॉक्टर मौजूद रहें।