रायपुर के नयापारा में 100 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी सरकारी:छत्तीसगढ़ में पहली बार वक्फ बोर्ड की जमीन निगम के हवाले

Aug 4, 2025 - 10:04
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रायपुर के नयापारा में 100 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी सरकारी:छत्तीसगढ़ में पहली बार वक्फ बोर्ड की जमीन निगम के हवाले
छत्तीसगढ़ में पहली बार ऐसा हुआ है, जब छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड की किसी जमीन को नगर निगम के हवाले कर दिया गया है। नयापारा में जिस साढ़े चार एकड़ से ज्यादा जमीन पर वक्फ बोर्ड का 1920-21 से कब्जा था, अब ये जमीन सरकारी हो गई है। शनिवार को तहसील अफसरों ने इस जमीन का सीमांकन कर दिया। रिपोर्ट भी कलेक्टर को दी गई है। एक हफ्ते से भी कम समय में तहसील रिकॉर्ड में यह जमीन नगर निगम की होगी। अब निगम ही फैसला लेगा कि इस जमीन का क्या किया जाए। फिलहाल ये तय है कि जमीन पर बनीं दुकानों समेत अन्य संपत्तियों का किराया और टैक्स निगम ही वसूलेगा। नयापारा इलाके के खसरा नंबर 689 रकबा साढ़े चार एकड़ (1.98 लाख वर्गफीट) जमीन की औसतन कीमत 5000 रुपए वर्गफीट है। ऐसे में यह कीमत 100 करोड़ से भी ज्यादा हो रही है। वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों में इस जमीन का मालिक नयापारा मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड था। बता दें कि कोर्ट में वक्फ बोर्ड ने दावा किया था कि नयापारा की ये जमीन उसके नाम पर है। इसके बाद ही दस्तावेजों की जांच शुरू की गई। 1920-21 के रिकॉर्ड के मुताबिक ये जमीन शुरू से ही रायपुर नगर निगम और पुलिस विभाग के नाम पर है। अभी इस जमीन पर फजले करीम का बाड़ा, नवीन मार्केट कांप्लेक्स का हिस्सा, डबरी स्कूल, मैदान, कन्या शाला, उर्दू स्कूल, प्राथमिक शाला, सामुदायिक शौचालय, बिजली ऑफिस, मकान-दुकान बने हैं। 100 साल से भी ज्यादा के रिकॉर्ड के अनुसार वक्फ बोर्ड के दावे को खारिज कर​ दिया गया। 10 साल से ज्यादा समय से चल रहा था केस नयापारा की इस जमीन का मामला पिछले 10 साल से चल रहा था। पहले तहसीलदार, फिर एसडीएम इसके बाद अपर कलेक्टर कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो चुकी है। अपर कलेक्टर ने जमीन का मालिक नगर निगम को ही बताया था। वक्फ बोर्ड ने इस फैसले के खिलाफ संभाग कमिश्नर कोर्ट में अपील की थी। लेकिन संभाग कमिश्नर ने भी इस दावे को खारिज कर दिया है। उनके फैसले के बाद ही तहसील के अफसरों को जमीन सीमांकन के आदेश जारी किए गए थे। संभाग कमिश्नर के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी या नहीं फिलहाल अभी तय नहीं है। केंद्र की टीम आने के बाद व्यापक जांच रायपुर ही नहीं राज्य के सभी जिलों में वक्फ बोर्ड की विवादित या दावा करने वाली जमीनों की जांच तेज कर दी गई है। ये जांच केंद्र की ओर से वक्फ संशोधन अधिनियम लागू होने के बाद हो रही है। अप्रैल में केंद्र की 10 सदस्यीय टीम रायपुर आई थी। यही टीम वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधनों के अनुसार संपत्तियों की स्थिति, उपयोग और उनके रख-रखाव का आंकलन कर रही है। केवल रायपुर में ही वक्फ बोर्ड ने मालवीय रोड समेत कई पॉश जगहों पर संपत्ति होने का दावा है। केवल मालवीय रोड में ही जिन संपत्तियों की कीमत 300 करोड़ से ज्यादा है। वक्फ प्रॉपर्टी की 500 करोड़ की फर्जी रजिस्ट्री छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने बताया कि नए वक्फ विधेयक 2025 के तहत केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ में वक्फ संपत्तियों का सर्वे करा रही है। 500 करोड़ से ज्यादा की वक्फ संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री का खुलासा हुआ है। अवैध कब्जे में शामिल 400 से ज्यादा लोगों नोटिस जारी किया जा चुका है। संबंधित जिलों के कलेक्टर्स को विवादित संपत्ति की रजिस्ट्री शून्य कराने चिट्ठी भी लिखी गई है। वक्फ बोर्ड के पास रायपुर में 832, बिलासपुर में 1401, दुर्ग में 125, बस्तर में 55, कोरबा में 44, राजनांदगांव में 300, धमतरी में 312, गरियाबंद में 943, सरगुजा में 226 और सूरजपुर में 354 संपत्तियां हैं। ​इन जमीनों पर अभी ज्यादा विवाद {रायपुर में मालवीय रोड, रहमानिया चौक, हलवाई लेन, मोवा मस्जिद के पास समेत कुछ और जगहों पर संपत्तियों पर अवैध कब्जा है। इन संपत्तियों से संबंधित 22 से ज्यादा लोगों को नोटिस जारी किया जा चुका है। {एक्सप्रेस- वे में 12 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा। {जगदलपुर में अग्रसेन चौक के पास की जमीन।

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