'चोर दरवाजे से सुप्रीम कोर्ट में जज बहाल':उपेंद्र कुशवाहा बोले- हमने ही BPSC टीचर एग्जाम की मांग की थी; हम परिवर्तन के लिए करते राजनीति
मुजफ्फरपुर में राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा पहुंचे। इन्होंने शहर के क्लब मैदान में आयोजित संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार महा रैली को संबोधित किया। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट और हाइकोर्ट में जजों की बहाली चोर दरवाजे से हो रही है। हमारी मांग है कि ये बंद हो और लिखित परीक्षा का आयोजन कर बहाली हो। हमने ही मांग की थी कि बीपीएसपी जैसी संस्था से शिक्षकों की बहाली हो। इसके लिए हम नीतीश कुमार को धन्यवाद देंगे कि सरकार ने ये कदम उठा लिया है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इतनी भीषण गर्मी और तपिश में आए हैं, इसके लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। इतनी भारी भीड़ होगी, इसका अंदाजा मुझे भी नहीं था। अब तो आप सब को देखकर हमे हौसला मिल रहा है। हमारा हौसला आपकी ताकत और आपकी भीड़ से होता है। जिन मुद्दों को लेकर चलते हैं, बाधा जितना आता है मुझे उतना आनंद आता है। परिसीमन का दक्षिण के कुछ नेताओं की ओर से विरोध किया जा रहा है, जिसको लेकर हम अपनी लड़ाई जारी रखे हुए है। मुझे जिस तरह से शाहाबाद और मुजफ्फरपुर में सपोर्ट मिला है, अब इनको लेकर इनडायरेक्ट बढ़ोतरी मिलने लगी हैं। सीट को लेकर किसी को कुछ भी पता नहीं होता है। ध्यान को भटकाने के लिए ऐसा किया जाता है, ताकि महत्वपूर्ण मुद्दे से भटकाया जाय। सीट तय करने का तरीका है, आपको (मीडिया) यह अधिकार किसने दिया। जो काम है वह आप कीजिए। पद नहीं परिवर्तन के लिए करते राजनीति राजनीति दल का काम वही करे, जो भी सवाल उठाया जाने का काम किया है। हम पद के लिए नहीं परिवर्तन के लिए राजनीति करते हैं। जनता के लिए राजनीति करते हैं और करते रहेंगे, चाहे परिणाम कुछ भी हो। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुझे क्या मिलेगा यह मैं भी नहीं जानता हूं। गांधी जैसे राजनेता कभी राजनीति में नहीं गए। डॉ भीमराव अंबेडकर का उदाहरण दिया गया है। इन लोग का नाम सम्मान के लिए लेने का काम किया है। जनता के सवाल को लेकर संघर्ष किया है, जेपी भी इनमें रहे हैं। जनता के मुद्दे को लेकर लड़ना ज्यादा जरूरी जनता के मुद्दे को लेकर लड़ना ज्यादा जरूरी है। मेरे लिए सीट कोई मायने नहीं रखता है। मेरा दावा है कि बिहार के धरती पर हमारी पार्टी एक मात्र ऐसी पार्टी है, जो जनता के मुद्दे को उठाने का काम करती है। हमने इस काम में उस मुद्दे का दूरगामी प्रभाव वाला बताया है। हम मुद्दे और विजन पर राजनीति करने वाले लोग हैं। सरकार में रहते हुए कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाए थे, तब सत्ता में आने वाले कई सांसद और मंत्री ने टोका था, लेकिन मै अपने कमिटमेंट पर कायम रहा था और आज सब जान रहे है। उस सिस्टम को लेकर आज केंद्र में सभी सवाल उठा रहे हैं। आज शिक्षा में बहाली को लेकर के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीपीएससी से बहाली का काम शुरू किया। बिहार में डोमिसाइल नीति पर उठाए सवाल बिहार में डोमिसाइल नीति पर सवाल उठाए है। यह काम तेजस्वी यादव सत्ता में रहने पर नहीं करते थे और अब सवाल उठा रहे हैं। दूसरे राज्य के लोग बिहार की हकमारी कर रहे है। चुनाव नजदीक है, जो काम अब तक नहीं हुआ है हम उसको करेंगे। सांसद को इस बात की जानकारी नहीं है। इसको लेकर के बिहार की एक मात्र राष्ट्रीय लोक मोर्चा काम कर रही है। यहां प्रत्येक दस साल में जनगणना होगी। जिसमे लोकसभा में सीट की संख्या निर्धारित हुई थी। 1976 में आपातकाल के दौरान में संशोधन कर आगे परिसीमन पर रोक लगा दी गई थी। 25 साल के लिए रोक लगी थी। 2001 में 25 साल तक रोक लगाई गई। साल 2026 में समय सीमा पूरी होने वाली है। साउथ के नेता रोक लगाने में लगे हुए हैं। अब इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने का काम करेंगे। अगर रुका तो हम और भी पिछड़ जाएंगे। मुझे अपने बिहार के संविधान के अधिकार से वंचित करने का षड़यंत्र किया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी को दिया धन्यवाद हमारे साथ पहले भी सौतेला व्यवहार किया गया था। इसलिए हम इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। अब पीएम मोदी को इस बात के लिए धन्यवाद देते हैं, पीएम मोदी ने इस बात को माना कि जनगणना के तहत परिसीमन का काम हो। इसको लेकर आवाज हम सब उठा रहे हैं। लोकसभा विधानसभा में हमारी प्रतिनिधित्व भी बढ़ेगा। पूरे बिहार में अभियान चला रहे हैं।
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